पन्ने को हम समेट नही सकते। एक-आध पन्ना छूट ही जाता है। पन्ने को हम समेट नही सकते। एक-आध पन्ना छूट ही जाता है।
मिल गया मिल गया
मृत्यु एक सार्वभौमिक सत्य है, फिर भी उसे स्वीकार करना सहज या सरल बिल्कुल नहीं है। यदि म मृत्यु एक सार्वभौमिक सत्य है, फिर भी उसे स्वीकार करना सहज या सरल बिल्कुल नहीं है...
झे बचपन में बाबा के दफ्तर से लौट आने का बेसब्री से इंतजार होता था, वो लौटते हुए अक्सर क झे बचपन में बाबा के दफ्तर से लौट आने का बेसब्री से इंतजार होता था, वो लौटते हुए ...
"अब मेरे बच्चे को कौन बचाएगा ," सोच रहे थे डॉ शर्मा । एक भयानक एक्सीडेंट हुआ था उनके बेटे सौरव का वह... "अब मेरे बच्चे को कौन बचाएगा ," सोच रहे थे डॉ शर्मा । एक भयानक एक्सीडेंट हुआ था ...
अबार्शन अबार्शन